एक जगह पर केवल न है जगह जगह पर धाक मेरी एक जगह पर केवल न है जगह जगह पर धाक मेरी
एक महक उठती है आबो हवा में भीनी भीनी जब खयालों में तुम आन बसते हो एक महक उठती है आबो हवा में भीनी भीनी जब खयालों में तुम आन बसते हो
अनकहे अनगिनत मिल जाते हैं पल इस अनजाने सफर में। अनकहे अनगिनत मिल जाते हैं पल इस अनजाने सफर में।
हाथ की सफ़ाई दिखाने का हाथ की सफ़ाई दिखाने का
क्यों मुझे ईश्वर के चरण स्पर्श नहीं क्यों मुझसे होता शृंगार नहीं। क्यों मुझे ईश्वर के चरण स्पर्श नहीं क्यों मुझसे होता शृंगार नहीं।
जब तुम्हारे लिए मन्नत मांगी थी, जब तुम्हारे लिए किस्मत जागी थी, जब तुम्हारे लिए जन्न जब तुम्हारे लिए मन्नत मांगी थी, जब तुम्हारे लिए किस्मत जागी थी, जब तुम्हार...